फिर वही पूराने दिनो वाला ब्लाग
आज मन मे आया की कूछ पुराने ब्लाग पोस्ट पढता हूं और फिर उस समय की लिखावट देख कर हसी आने लगी। एक दो ब्लाग पोस्ट के टाईटल और कूछ लाईने पढ कर लगा की यह क्या लीखता था। जैसे यह पोस्ट और कई अन्य 2009, 2010 के पोस्ट। जब हम खाली रहते हैं और…