ये कुन्नू ब्लाग का आखरी पोस्ट है। मूझे बहुत दूख है की ईतनी जलदी जाना पड रहा है।
सायद उस समय कमेंट पढने के लीये मेरे पास ईंटरनेट कनेक्शन नही हो।
मै कीसी के लीये सायद आसा और कीसी के लीये निराशा हूं…
दूखी हो के नही जा रहा हूं। और ना ही अपने मन से।
वापस आने का रास्ता है। पर अभी तो नही लगता की चाह के भी वापस आ सकूंगा..
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आपकी लिखी रचना “पांच लिंकों का आनन्द में” शनिवार 30 सितम्बर 2017 को लिंक की जाएगी ….
http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा … धन्यवाद!
Kya sach me ye akhiri hai?