आज बताने जा रहा हूं आपको एक ऐसे छूपारूस्तम बीमारी की जीसे आप पढ के हैरान हो जाऐंगे।
और बताउंगा “क्या करें की पसीना ना आए”
आप धूप मे नीकलते हैं और ज्लद ही पसीने से भीग जाते हैं। या आपके साथ कोई और भी नीकला है और सब्से पहले आप पसीने से भीग जाते हैं ज्बकी साथ वाला एकदम भी नही भीगता है तो समझीये की आपको कोई बीमारी है।
अब अगर आप गर्मी के दीन मे ठंड के कपडे पहन के नीकलेंगे तब तो आपका कूछ नही हो सक्ता 🙂
ये कमजोरी से भी होता है।
कौन कौन सि बीमारीयां हो सक्ती है?
1. गले की बीमारी जैसे सांस लेने मे तकलीफ
2. खून का साफ ना होना
3. सारीरीक गडबडी – डीसआर्डर
4. डायबीटीज
5. कमजोरी [चोरी करने पर भी पसीना आता है 🙂 ]
6. मै डाक्टर थोडे ना हूं।
एक है Hyperhidrosis
Hyperhidrosis एक बडा वजह है। जैसे एक्जाम देते समय चींता होती है या एक्जाम के डर से, चींता की स्थीती में। अब आप समझ गै होंगे की डर से, हल्की सी गर्मी से, बाहर, मीटींग मे, लोगो से मील्ते वक्त, अनकंफर्टेबल फील करते वक्त(बहुत से लोग हों जहां)
कभी कभी कूछ बात सून कर होस उड जाता है। जैसे की अभी उडा हूवा है।
ईसका ईलाज भी है। सर्जरी कर्वाना। अगर सर्जरी करवा रहें है तो अच्छे और अनूभवी सर्जन से ही सर्जरी करवाऎं। सर्जरी करवाना बहुत महंगा पडता है।
डाक्टर से दीखवाना नही भूलें क्यो की जरूरी नही है की आपको कूछ हूवा ही है।
कहीं बाहर हैं और अचानक खूब पसीना आने लगे तो क्या करेंगे। कीसी ठंढे जगह की तलास करने लगते हैं। और मील जाता है तो लगता है की कीतना सीर गरम हो गया है।
कीसी के साथ गै हैं और खूब पलान बनाया है की खूब मजे करेंगे, नाचेंगे,झूमेंगे गाऎंगे और कूछ नया करेंगे, कूछ कर के दीखाएंगे, खूब खाऎंगे और मौज उडाऎंगे। और फीर आपको लगता है की कीतना गर्मी है। धीरे धीरे गर्मी बढने लगती है(एसा सीर्फ आपके साथ हो रहा है) और फीर एक बूद,दो बूंद ऎसे ही करते करते सर्ट गीली हो जाती है। और पूरा गिला हो जाते हैं। और सारा मजा खत्म हो जाता है।
पर अब नही होगा क्यो की कुन्नूब्लाग पढ के गै हैं तो खूब मजे करेंगे और हर चीज मे टेकनीक खोजेंगे।
क्या करें की पसीना नही आए?
हो सके तो डाक्टर को जरूर दिखाऎं
चलीये अब बता ही देता हूं कि क्या करना है
1. सफेद सादा सर्ट औ सादा पैंट।
2. मौसम के अनूसार ही कपडे पहने। कभी भी बेकार टाईप के कपडे नही पहने ये और परेसान कर देते हैं। बेकार कपडो में जैसे खूब मोटा कपडा, पलास्टीक टाईप वाला, एक दम बंद टाईप का।
3. काला रंग का कपडा गर्मी खीचता है।
4. फ्रीज का पानी, ठंढा पानी पीयें अपने को जीतना ठंढा रखेंगे उतना ही अच्छा रहेगा।
ठंढे फल सब्जीयां खाएं।
5. अपने घर को ठंढा रखें। साफ जगह पर रहें। घर को साफ रखें।
6. रोज नहाने से पसीना आना कम हो जाता है। ये आपको ज्यादा पसीना आने से रोकता है।
7. कभी तो नहा लीया करीये 🙂
8. ज्यादा गरम खाना नही खाऎं। भारत मे गरम चावल खाने का पूराना आदत है। अभी चावल बना नही की वहीं से चट कर जाते हैं। एक दम ठंढा भी खाना नही खाए। नार्मल गरम खाना खाऎं।
9. क्या आप कोई डीयोड्रेनट लगाते हैं। हो सक्ता है आपको पसीना डीयोड्रेन्ट लगाने से ही आ रहा हो क्यो की सायद वो रीयेक्सन करता हो।
10. एक होता है जेनेटीक “पीढीयो से चल्ता आ रहा होता है” ये आम होता है। पर डाक्टर को दिखाना जरूरी होता है।
एक कहानी बताता हूं।
एक आदमी खूब अमीर रहता है। उसको रोज अवने व्यापार के सिल्सीले में बाहरी देसो मे जाना होता है। एक ही उसका काम होता है। सूबह 4 बजे उठता है। अपने कंपनी के लीये कूछ कागज पर लीखता है। मीटाता है फीर लीखता है। और फीर मीटाता है। ईसी तरह एक घंटा बीत्ता है और 1 घंटा तैयार होने मे लगाता है। वही दीन वही रात। ना खाने की फीकर ना सोने की। उसका एक छोटा बच्चा जो उसी की तरह है। वो देखता रहता है की उसके पापा आते हैं जाते हैं। घर मे कीसी से ना कोई मजाक होता है और ना कूछ। कूछ बोल्ते भी हैं तो सिर्फ काम से। उस्का बेटा ईन आदतो से परेसान होता है। वो कभी कीसी को खूश होते हूवे नही देखा है।
एक दिन पूरी फैमली प्लेन से दूसरे देश जा रही थी। तभी प्लेन से धूवा नीकलने लगा। ईस धूवे से अजीब सा गंध आ रहा था। उस वक्त आग बूझाने के सामग्री छीडक दीये। पर कूछ देर बाद और तेज होने लगा। और कूछ देर बीतने के बाद और तेज हो गया।
सब डर गै ईसमे वो आदमी भी था जो हमेसा काम, और चींता मे रहता था। सायद वो आदमी ही पहले डरा था। वह सोच रहा था अभी तो जीया ही नही। जीने का समय तो अभी आने वाला है। क्या मेरी एक गल्ती कोई जींदगी ले सक्ती है…. अब धूवे से सब परेसान हो गए थे। हवा नही मीलने की वजह से सारे लोग बेहोस हो गए थे। हवा लेने के लीये आक्सीजन होता है पर एसी सथीती मे एसा नही करना चाहीये। आग लगने का डर होता है।
पलेन मे बैठा वो आदमी और उसका परीवार एक दूसरे को देख रहे थे और अजानक एक एक करके आखों से ओझल होते गै। और बाद मे उस आदमी ने कहा मेरी वजह से तूम सब मर रहे हो क्यो की मै चींता मे थी और टायलेट मे जल्ती हूई सीग्रेट गल्ती से उहीं बीना बूझाए फेक दीया।
अब तक प्लेन पूरी तरह से तहस नहस हो गया था।
कोई भी जींदगी नही बची थी। सब समाप्त हो गया था अंत मे वो आदमी मरता हूवा सोच रहा था काश एक और जींदगी मील जाती, मै अब से जीयूंगा। खूब जीऊंगा, कोई चींता नही करूंगा। ऐसे जैसे मूटठी मेज माना। -> सब चींताए छोडो और खूल के जीये, ये मत सोचो क्या खोए हो और क्या पाए हो, चंद पैसे के पीछे मत मरो, मेरे प्यारे ब्लागरो खूश रहो और दूसरो को भी खूश करो।
यदी आप चाहते हैं की पसीना दीखे नही हो कलर फूल कपडे पहने और जो डार्क हो वही पहनें।
एक सूचना: हिन्दी मे मै लीखता तो हूं पर मै एक दम सही मांत्रा नही लगा सक्ते। कई ब्लागर मूझे ईसके लीये बोल चूके हैं।
अब जो मै नही सूधार सक्ता उसके लीये बोलने का क्या फायदा।
ब्लागर बता भी देते हैं की मैने “कि” को “की” लीखा है। आपको अगर समझ आ गया है की मैने क्या लीखा है तो सूधारने का कोई फायदा नही। मै बच्पन से ही हिन्दी मे बहुत माहीर और तेज हूं। उन ब्लागरो से छमा चाहूंगा जीनहे मेरा ब्लाग पढने मे दिक्कत होता है। मै हिन्दी मे सूधार कर रहा हूं। एक्जांपल के लीये पहले मै “सक्ते” को “सकते” लीखता था पर अब “सक्ते” लीखता हूं और भी