वेबसाईट लेने से पहले क्या देखें(अलग टाईप की जानकारी जो बहुत कम लोग जानते हैं)

वेबसाईट लेने का अलग तरीका क्या है जीससे आपको कोई नूकसान या पचताना ना पडे?

सिर्फ कम पैसे ज्यादा बैंडविथ बैंडविथ लेने से सोच रहे हैं कि मै ठगा नही गया तो ये गलत सोच रहे हैं ये भी हो सक्ता है की जो Rs.500 मे वेबसाईट लीये हैं और उसमे आपको कई चीज ज्यादा मील रहा हो पर मेरे नजरीये से वो वेबसाईट Rs.0 का भी नही हो सक्ता है। वो कैसे?

साईट का अपटाईम बहुत खतरनाक हो सक्ता है
साईट तो ले लीये पर कई घंटो तक आपका साईट रात को या दोपहर को आपका साईट आफलाईन हो सक्ता है। यानी आपका साईट कोई खोल नही पाएगा।

ईससे आपका साईट कूल एक साल मे करीब 2 हफ्ता या 1 महीने तक बंद रह सक्ता है।
साईट जब नही खूले कोई error भी नही दे तो उसे साईट का ” Down Time ” कहा जाता है।

डाउनटाईम एक दीन मे ज्यादा नही होना चाहीये।

साईट लेने से पहले कैसे चेक करें की जहां से वेबसाईट ले रहें हैं उसका UPTIME ठीक है।
जहां से भी साईट ले रहें हैं उस होस्टींग कंपनी का वेब पता यहां क्लिक कर के डाल दें।

रीज्लट ok आया तो ठीक है पर ये तो उसके अपने साईट का राज खोलेगा। ये बताएगा की वो होस्टिंग कंपनी कीतना ठीक है।

वेबस्पेस देने वाले अपनी साईटों पर अपने कई कस्टूमरो के वेबपता भी दे देते हैं आप उन मे से एक साईट का डाउनटाईम 5-7 दीनो तक का देखें ईसके लीये यहां क्लिक कर के 30 दिन ट्रायल मानीटर कर सक्ते हैं। ईसमे जब भी वो वेबसाईट डाउनटाईम जाएगा आपको खबर मील जाएगा।

जो नही देते उनको गूगल मे तालास सक्ते हैं।

धोखे से बचें?
कई साईटें वादा करते हैं की 100% uptime देंगे पर 100% uptime पूरा करना नामूंकीन है। यदी 100% देंगे तो सर्वर मेंटेनेंस कब करेंगे?

Rs.100 मे डामेन?
सौ रूपये का डामेन भी मीलता है पर खरीदने के बाद आपको वेबस्पेस भी लेना पडेगा जो की Rs.700 रख देते हैं।*(लग गया आपको चूना 🙂 )

घर के पास डामेन?
घर के पास डामेन लेने के कई फायदे हैं और दूर लेने से पैसे को फेकने ईतना बराबर हो सक्ता है।
अब अगर आप जहां आराम से जा सक्ते हैं वहां से उस कंपनी के साथ आपकी नजदीकीयां बढेंगी और कूछ गडबडी हूवा तो सिधे उनके पास आ धमकीये और खाना,पानी मांगीये वो जीतनी ज्लदी होगा आपके समस्या को हल कर

दूर लेंगे और अगर एक महीने बाद डामेन डीलीट कर दे तो? क्या कर लेंगे?

एग्रीमेंट की(TOS) सर्ते पढना जरूरी क्यो की क्या पता आप जीस तरह की साईट बना रहे हैं वो उस तरह की साईटों को डीलीट कर देता हो जैसे youtube की तरह साईट

जो सोच लीया वही करें
एक बार मन मे बना लीया की एसा साईट बनाना है तो बना दें पर ये ना करें कि साईट बना के फीर सोचें की ईस तरह की नही उस तरह की साईट बनानी है

टाईम की बर्बादी?
ज्यादा समय नही लगाए साईट को बनाने में। और एक ही बार मे कोई भी आसमान तक नही पहूंच सक्ता। ईस लीये धीरे धीरे बढीया और अच्छी कवालीटी का कांटेंट डालें

साईट को अब फैलाना चालऊ कर दें जैसे फ्री सब्मीट(ईससे पेज रेंक दो महीने के अंदर मील जाएगा PR2)

कभी भी मत हारें आपका साईट चलेगा क्यो की आपसे भी बेकार कांटेंट रखने वाले भी आज आगे हैं तो आप क्यो नही आगे हो सक्ते हैं

“जब तक काम के लीये दील मे प्यार नही हो कोई काबील नही बनता”

बाकी मौज मस्ती करें और एक पैक मार भी सक्ते हैं :)))))

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एक अभीयान आपके खातीर, ब्लागर भाईयो और उनकी बहनों, मूझे माफ कर दें

आज ये पोस्ट मै हिन्दी के लिये और आपके लिये लिख रहा हूं।
ब्लाग जगत मे असांती फैल्ता जा रहा है। और एसा प्रतीत होता है की हम कूछ नही कर सक्ते। पर अगर कोई सोच ले उसे कूछ करना है तो वो कर सक्ता है। कूछ भी नामूंकीन नही है

क्या आपको पता है अगर आप किसी के उप्पर उल्टा सिधा लीखते हैं तो आपको 20-25 लोगो कि टिप्पनीयां तो मील जाएगी पर जरा अपने मात्रु भाषा कि तो सोचीये उसको कितना नूकशान होगा। 70-80 विजीटर भी आ जाऎंगे।
तो क्या आप कूछ चंद टिप्पनीयों के लीये किसी को हटा देंगे, उसे ब्लागिंग छोणने के लिये मजबूर कर देंगे। अगर हां तो आप अपने मात्रु भाषा को मार रहे हैं।

अपने जमिर को खो कर, दूसरो को चोट पहूंचाकर कभी कूछ पाने कि मत सोचो।
वो तूम्हारा भाई या बहन ही है कोई दूशमन नही..

“हिन्दी हैं हम,
हिन्दी वतन है हमारा..”

मै ये कभी नही चाहूंगा कि किसी को दूख पहूंचाकर या चोट दे कर मूझे कोई टिप्पनी दे या वाह-वाही दे।

माफि दे दें मूझे
यदी मेरे वजह से किसी को दूख हूवा है रो वो माफ कर दे मूझे। यदि कहेंगे तो मनाने भी आ जाऊंगा
(“तेरा दिल जब भी कोई दूखाएगा याद तूझको मेरा प्यार आएगा…..”)

अगर आपने भी किसी को कूछ गलत बोला है तो आप भी माफी मांग लें।

अभीयान है सांती फैलाने का, और कैसे फैलाना है.. हर ब्लागर को सीधा और सरीफ बनाना है।
मस्त प्लान सूझा है ईसे देख लें तो हिन्दीजगत मे सांती कायम हो जाएगा।
क्यो ना बडे ब्लागर ईसके लीये कूछ करें जैसे कोई किसी को अप-शब्द कहता किसी। को बदनाम करने के लीये कोई पोस्ट लीखता है तो बडे ब्लागर उसको वो पोस्ट हटाने का अनूरोध कर सक्ते हैं या उसका ब्रेनवास कर सक्ते हैं(ई-मेल से)
अब बडे ब्लागरो के वाणी मे बहुत दम है और ये सब जानते हैं।अगर ऎसा नही होता तो हम भी कर सक्ते हैं। अगर वो किसी पर किचड उछालता है तो हम उसका एक साथ विरोध कर सक्ते हैं और कह सक्ते हैं कि एसा मत करो।ये गलत है।

जो नही मानते हैं उनसे यही अनूरोध करता हूं कि किसी को चोट मत पहूंचाओ। मेरा ब्लाग ही आपको ये सब करने से रोक सक्ता है तो मेरा ब्लाग ही ले लें।

आप मेरे ईस अभीयान को बढा सक्ते हैं। आखीर हिन्दी के अभीमान और हिन्दी के विकाश की बात है तो आप ईस पोस्ट का कूछ भी करें। चाहे कापी पेस्ट करें या कूछ करें। मै हिन्दी के लीये ईतना तो करूगा ही।
आप हिन्दी के विकाश के लीये क्या कर रहे हैं?

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घोस्ट बस्टर ने धोखा दिया, सभी ब्लागरो को

आज घोस्ट बस्टर ने धोखा दीया है। और सिर्फ मूझे ही नही सभी ब्लागरो को उनके ब्लाग पर मै गया तो पोस्ट का टाईटल देख के खूश हो गया “तैयार रहिये अपने ब्लॉग पर टिप्पणियों की बरसात के लिए

 

ईसपर मन मे बोला “घोस्ट बस्टर जी” धन्यवाद

 

अब मै पढते पढते आगे बढता गया और मूझे लगा मेरे उप्पर ही लीखा है क्या 🙂

 

अब तो हद हो गया था एकदम विशवाश हो गया की “टीप टाप”(आउटोमेटीक टिप्पनी देने वाला साफ्टवेयर) सच मे है।

ये देखीये उडन- तशतरी जी का हालमार्क वाला बाक्स भी दिखाए। अब उडन-तशतरी जी का हालमार्क देख कर सोचा साफ्टवेयर बनाने मे उडनतशतरी जी की भी मीलीभगत होगी

 

अब आपको विशवास हो गया होगा की साफटवेयर है। मैने तो सोच लीया था की अब “टिप टाप” साफ्टवेयर खरीद लूंगा। रीटायर्मेंट जैसा अनूभव।

 

मन मे खयाली पूलाव बन्ने लगा की अब आराम से उस साफ्टवेयर को खोलूंगा और सायद ब्लाग पता मांगेगा तो भर के टीपीयाना सूरू कर दूंगा।

 

और डाउन्लोड पर क्लिक कर लीया 5 minute scan किया फीर सोचे जा रहा था कब डाउन्लोड होगा और फीर डाउन्लोड हो ही गया।

जीप फाईल खोला तो .pdf फाईल मे कूछ लीखा मीला जो

सक्रीनसाट मे दीया है

ये “टिप टाप” के बिटा वर्जन का कमाल है।
सारे सपने टूट गै……..
____________________________________________
ब्लागर भाई और उन्की बहनो मै मजाक कर रहा था।
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पसिना आता है यानी कोई बिमारी है, पसिने से छूटकारा कैसे पाऐं

आज बताने जा रहा हूं आपको एक ऐसे छूपारूस्तम बीमारी की जीसे आप पढ के हैरान हो जाऐंगे।
और बताउंगा “क्या करें की पसीना ना आए”

आप धूप मे नीकलते हैं और ज्लद ही पसीने से भीग जाते हैं। या आपके साथ कोई और भी नीकला है और सब्से पहले आप पसीने से भीग जाते हैं ज्बकी साथ वाला एकदम भी नही भीगता है तो समझीये की आपको कोई बीमारी है।
अब अगर आप गर्मी के दीन मे ठंड के कपडे पहन के नीकलेंगे तब तो आपका कूछ नही हो सक्ता 🙂
ये कमजोरी से भी होता है।

कौन कौन सि बीमारीयां हो सक्ती है?
1. गले की बीमारी जैसे सांस लेने मे तकलीफ
2. खून का साफ ना होना
3. सारीरीक गडबडी – डीसआर्डर
4. डायबीटीज
5. कमजोरी [चोरी करने पर भी पसीना आता है 🙂 ]
6. मै डाक्टर थोडे ना हूं।

एक है Hyperhidrosis
Hyperhidrosis एक बडा वजह है। जैसे एक्जाम देते समय चींता होती है या एक्जाम के डर से, चींता की स्थीती में। अब आप समझ गै होंगे की डर से, हल्की सी गर्मी से, बाहर, मीटींग मे, लोगो से मील्ते वक्त, अनकंफर्टेबल फील करते वक्त(बहुत से लोग हों जहां)
कभी कभी कूछ बात सून कर होस उड जाता है। जैसे की अभी उडा हूवा है।
ईसका ईलाज भी है। सर्जरी कर्वाना। अगर सर्जरी करवा रहें है तो अच्छे और अनूभवी सर्जन से ही सर्जरी करवाऎं। सर्जरी करवाना बहुत महंगा पडता है।

डाक्टर से दीखवाना नही भूलें क्यो की जरूरी नही है की आपको कूछ हूवा ही है।

कहीं बाहर हैं और अचानक खूब पसीना आने लगे तो क्या करेंगे। कीसी ठंढे जगह की तलास करने लगते हैं। और मील जाता है तो लगता है की कीतना सीर गरम हो गया है।

कीसी के साथ गै हैं और खूब पलान बनाया है की खूब मजे करेंगे, नाचेंगे,झूमेंगे गाऎंगे और कूछ नया करेंगे, कूछ कर के दीखाएंगे, खूब खाऎंगे और मौज उडाऎंगे। और फीर आपको लगता है की कीतना गर्मी है। धीरे धीरे गर्मी बढने लगती है(एसा सीर्फ आपके साथ हो रहा है) और फीर एक बूद,दो बूंद ऎसे ही करते करते सर्ट गीली हो जाती है। और पूरा गिला हो जाते हैं। और सारा मजा खत्म हो जाता है।

पर अब नही होगा क्यो की कुन्नूब्लाग पढ के गै हैं तो खूब मजे करेंगे और हर चीज मे टेकनीक खोजेंगे।

क्या करें की पसीना नही आए?
हो सके तो डाक्टर को जरूर दिखाऎं
चलीये अब बता ही देता हूं कि क्या करना है

1. सफेद सादा सर्ट औ सादा पैंट।
2. मौसम के अनूसार ही कपडे पहने। कभी भी बेकार टाईप के कपडे नही पहने ये और परेसान कर देते हैं। बेकार कपडो में जैसे खूब मोटा कपडा, पलास्टीक टाईप वाला, एक दम बंद टाईप का।

3. काला रंग का कपडा गर्मी खीचता है।

4. फ्रीज का पानी, ठंढा पानी पीयें अपने को जीतना ठंढा रखेंगे उतना ही अच्छा रहेगा।
ठंढे फल सब्जीयां खाएं।
5. अपने घर को ठंढा रखें। साफ जगह पर रहें। घर को साफ रखें।

6. रोज नहाने से पसीना आना कम हो जाता है। ये आपको ज्यादा पसीना आने से रोकता है।

7. कभी तो नहा लीया करीये 🙂

8. ज्यादा गरम खाना नही खाऎं। भारत मे गरम चावल खाने का पूराना आदत है। अभी चावल बना नही की वहीं से चट कर जाते हैं। एक दम ठंढा भी खाना नही खाए। नार्मल गरम खाना खाऎं।

9. क्या आप कोई डीयोड्रेनट लगाते हैं। हो सक्ता है आपको पसीना डीयोड्रेन्ट लगाने से ही आ रहा हो क्यो की सायद वो रीयेक्सन करता हो।

10. एक होता है जेनेटीक “पीढीयो से चल्ता आ रहा होता है” ये आम होता है। पर डाक्टर को दिखाना जरूरी होता है।

एक कहानी बताता हूं।
एक आदमी खूब अमीर रहता है। उसको रोज अवने व्यापार के सिल्सीले में बाहरी देसो मे जाना होता है। एक ही उसका काम होता है। सूबह 4 बजे उठता है। अपने कंपनी के लीये कूछ कागज पर लीखता है। मीटाता है फीर लीखता है। और फीर मीटाता है। ईसी तरह एक घंटा बीत्ता है और 1 घंटा तैयार होने मे लगाता है। वही दीन वही रात। ना खाने की फीकर ना सोने की। उसका एक छोटा बच्चा जो उसी की तरह है। वो देखता रहता है की उसके पापा आते हैं जाते हैं। घर मे कीसी से ना कोई मजाक होता है और ना कूछ। कूछ बोल्ते भी हैं तो सिर्फ काम से। उस्का बेटा ईन आदतो से परेसान होता है। वो कभी कीसी को खूश होते हूवे नही देखा है।

एक दिन पूरी फैमली प्लेन से दूसरे देश जा रही थी। तभी प्लेन से धूवा नीकलने लगा। ईस धूवे से अजीब सा गंध आ रहा था। उस वक्त आग बूझाने के सामग्री छीडक दीये। पर कूछ देर बाद और तेज होने लगा। और कूछ देर बीतने के बाद और तेज हो गया।

सब डर गै ईसमे वो आदमी भी था जो हमेसा काम, और चींता मे रहता था। सायद वो आदमी ही पहले डरा था। वह सोच रहा था अभी तो जीया ही नही। जीने का समय तो अभी आने वाला है। क्या मेरी एक गल्ती कोई जींदगी ले सक्ती है…. अब धूवे से सब परेसान हो गए थे। हवा नही मीलने की वजह से सारे लोग बेहोस हो गए थे। हवा लेने के लीये आक्सीजन होता है पर एसी सथीती मे एसा नही करना चाहीये। आग लगने का डर होता है।

पलेन मे बैठा वो आदमी और उसका परीवार एक दूसरे को देख रहे थे और अजानक एक एक करके आखों से ओझल होते गै। और बाद मे उस आदमी ने कहा मेरी वजह से तूम सब मर रहे हो क्यो की मै चींता मे थी और टायलेट मे जल्ती हूई सीग्रेट गल्ती से उहीं बीना बूझाए फेक दीया।
अब तक प्लेन पूरी तरह से तहस नहस हो गया था।
कोई भी जींदगी नही बची थी। सब समाप्त हो गया था अंत मे वो आदमी मरता हूवा सोच रहा था काश एक और जींदगी मील जाती, मै अब से जीयूंगा। खूब जीऊंगा, कोई चींता नही करूंगा। ऐसे जैसे मूटठी मेज माना। -> सब चींताए छोडो और खूल के जीये, ये मत सोचो क्या खोए हो और क्या पाए हो, चंद पैसे के पीछे मत मरो, मेरे प्यारे ब्लागरो खूश रहो और दूसरो को भी खूश करो।

यदी आप चाहते हैं की पसीना दीखे नही हो कलर फूल कपडे पहने और जो डार्क हो वही पहनें।

एक सूचना: हिन्दी मे मै लीखता तो हूं पर मै एक दम सही मांत्रा नही लगा सक्ते। कई ब्लागर मूझे ईसके लीये बोल चूके हैं।
अब जो मै नही सूधार सक्ता उसके लीये बोलने का क्या फायदा।
ब्लागर बता भी देते हैं की मैने “कि” को “की” लीखा है। आपको अगर समझ आ गया है की मैने क्या लीखा है तो सूधारने का कोई फायदा नही। मै बच्पन से ही हिन्दी मे बहुत माहीर और तेज हूं। उन ब्लागरो से छमा चाहूंगा जीनहे मेरा ब्लाग पढने मे दिक्कत होता है। मै हिन्दी मे सूधार कर रहा हूं। एक्जांपल के लीये पहले मै “सक्ते” को “सकते” लीखता था पर अब “सक्ते” लीखता हूं और भी

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उंगली से भी छोटा बंदर मीला (फोटो) सन्सनी खबर है

आज आपको आस्चर्य होगा की एक एसा बंदर मीला है जो उंगली से भी छोटा है।
विशवास नही होता ना? तो देखीये फोटो भी है।
जब देखा तो मन कीया की काश सामने होता कीतना मजा आता।

जब ईतना छोटा एक बंदर है तो उसका छोटा भाई कीतना छोटा है।
अभी पूस्ती नही हूई है की बंदर है या बंदरीया

ये रहा एक फोटो

आप बताईये ये बंदर है या बंदरीया?
कूछ और भी फोटो जीसे देख कर यकीन हो जाएगा आपको की ये छोटा है और सब्से छोटा है।

अरे कंप्यूटर पर मूझे देख रहे हो। मै सच मे बहुत छोटा हूं।
और सबूत दू क्या या आपके मानीटर से बाहर आना पडेगा

लगता है नही मानोगे तो देखो एक और मेरी सैतानी
अब देखा ना उंगली भी काटता हूं। मूझे तंग मत करना क्यो की मै छोटा हूं। सब्से छोटा।
कीतना प्यारा फोटो है। मूझे तो ये फोटो देख कर मजा आ गया।
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उंगली से भी छोटा बंदर मीला (फोटो) सनसनी खबर है

आज आपको आस्चर्य होगा की एक एसा बंदर मीला है जो उंगली से भी छोटा है।
विशवास नही होता ना? तो देखीये फोटो भी है।
जब देखा तो मन कीया की काश सामने होता कीतना मजा आता।

जब ईतना छोटा एक बंदर है तो उसका छोटा भाई कीतना छोटा है।
अभी पूस्ती नही हूई है की बंदर है या बंदरीया

ये रहा एक फोटो

आप बताईये ये बंदर है या बंदरीया?
कूछ और भी फोटो जीसे देख कर यकीन हो जाएगा आपको की ये छोटा है और सब्से छोटा है।

अरे कंप्यूटर पर मूझे देख रहे हो। मै सच मे बहुत छोटा हूं।
और सबूत दू क्या या आपके मानीटर से बाहर आना पडेगा

लगता है नही मानोगे तो देखो एक और मेरी सैतानी
अब देखा ना उंगली भी काटता हूं। मूझे तंग मत करना क्यो की मै छोटा हूं। सब्से छोटा।
कीतना प्यारा फोटो है। मूझे तो ये फोटो देख कर मजा आ गया।
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Hack: ईस नाम के फोलडर नही बना सक्ते पर मै बना के दीखाउंगा

कई जगह आपने देखा होगा ये कहते हूवे की आप com1,com2..3 नाम के फोलडर नही बना सक्ते। पर आज मै बना के दीखाता हूं और आपको भी सीखाता हूं।

जरा con नाम का फोलडर बना दे दीखा दो तो मान जाऊंगा की आप उस्ताद हैं।
नही बना सक्ते ना। हा…हा ट्राई करते रहीये पर बन नही पाएगा।

अब मै बताता हूं कैसे उस नाम के फोलडर बन जाऎंगे जीसे आप बनाते बनाते थक जाएंगे।
तो चलीये अब हम Start Menu मे Run पर क्लिक करते हैं अब cmd लीख कर ओके कर दें।
command promt खूल जाए तो टाईप करें cd.. और एन्टर दबा दें फीर cd.. टाईप कर के एन्टर दबाऎं।

अब कमांड प्रोम्ट मे एसा लीखा मीलेगा C:>
आपको टाईप करना है C:>md\.e:con अब ईसके con क्या है? कोन फोल्डर का नाम है जो आप बना रहे हैं। और e ड्राईव का नाम है। आप e के जगह पर c,d,f दे सक्ते हैं। या जहां भी फोलडर बनाना है उस्का लोकेसन दे दें।

अब ईसे डीलीट करना चाह रहे हैं तो ये कमांड टाईप कर दें डीलीट हो जाएगा C:>rd\.e:con

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बिना पढे टिप्पनी देना कहां तक सही है?

यहाँ तो सब उल्टा है मै जिसका ब्लॉग पड़ता हूँ और वह म……. जाता है”
ये लीखा “महेंद्र मिश्रा” जी ने। मेरे पिछले पोस्ट पर “मेरा ब्लोग पढने वाला तो बम धमाको मे मर गया, अब किसका वीरोध करूं?” यहां ईनके विरोधा-भाष कमेंट देने से पहले सायद ईनहोने पढा नही है कि मैने क्या लीखा है।
मैने ये नही लीखा है की पढने वाला मर गया है और वो आप ही हैं
मैने लीखा है की वो पढता होगा। आतंकवाद की वजह से उसका घर,परीवार छीन गया।उसके घर वाले कैसे रह सकेंगे उसके बीना। उसका बेटा होगा।
मै आतंकवाद की क्रुरता पर लीखा है

अपको वो पोस्ट पढने के बाद ही सही से पता चलेगा की क्या लीखना चाहता हूं। उन लेखों को दो शब्द मे नही बता सक्ता।

ना जाने क्यो कोई किसी को जगाना चाहता है तो उसे सूलाने वाले ज्यादा आ जाते हैं।

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Flock Browser मै तो ईसका फैन हो गया, ब्लाग के लीये वर्दान,टाईम बचाएगा, ईमेल, कई फंसन

आज मै netscape को खोजते हूवे FLOCK BROWSER देख लीया। ईसके फंसन तो बहुत से हैं। ये मूझे फायरफाक्स से भी अच्छा लगा। ब्लाग पोस्टींग करना हो बीना ईंटरनेट लगाए लीख कर सेव कर लें या नेटc लगा कर उसी वक्त पोस्ट कर दें।

ईसके उप्योगीता बताऊंगा तो दंग रह जाऎंगे।
1. कीसी भी ब्लाग कि पोस्टींग बीना लोगईन कीये, बीना ईंटरनेट के भी लीख स्कते हैं।
2. ये सोसीयल ब्राउजर है। ईसलीये ये हमारे काम का है।
3. फ्लीकर,digg, facebook, pownce, twitter, youtube एक क्लिक पर हैं।

फोटो अपलोडर भी है, एक क्लिक मे सीधे फोटो अप्लोडर आ जाएगा। यानी आपको कीसी भी पेज को खोलने की जरूरत नही सीधे picasa,फोटोबकेट,piczo जैसे साईटों पर अपना फोटो अपलोड करें।

ब्लागींग के लीये ईसमे बहुत कूछ है। मै तो कहता हूं ब्लाग के लीये ये वर्दान है।
आप ब्लोगर, ब्लोगस्म , LiveJournal , टाईपैड, वर्डप्रेस, Xang और सेल्फ होस्टेड ब्लाग मे पोस्टींग कर सक्ते हैं। और ये सब एक क्लिक मे भी है।

ये पोस्टींग मै फ्लोक से ही कर रहा हूं।
एक स्क्रीन साट देख लें

 


अब देखीये मैने फ्लाक की वजह से ये सीधी लाईन डाल दीया है।

मीडीया स्ट्रीम।
कीसी साईट पर जाते हैं की आज देखता हूं कौन सा नया वीडीयो डला है। और टाईम भी बर्बाद होता है।
ईसमे आप उस साईट को जोड दें। जैसे youtube है। अब आप सर्च पर क्लिक कर के वीडीयो सर्ज कर लें। और आगली बार जब आप मीडीया स्ट्रीम पर क्लिक करेंगे तो youtube के नये नये वीडीयो दीखेंगे।
Feed (फिड)

ईसमे पहले से हि बडी – बडी साईटों के फिड जूडे हैं। और आप अपना भी फिड जोड सक्ते हैं।
मजे वाली बात यह है की आप अपनी साईट को खोलें या कीसी और की। फीर फिड को सेव कर लें और अपने बलाग पर डाल लें। अब आपके ब्लाग पर वो फीड डल गया है और नई नई पोस्टींगे आपको दीखती रहेंगीं।
चीट्ठाजगत,ब्लागवाडी जैसे हिन्दी एग्रीगेटरो को डाल सक्ते हैं।

अपनी दूनीया बनाऎं
जी हां आप ईसमे अपने ब्लाग,साईट फेवरेट साईट के एक पेज बना सक्ते हैं। और जब भी मन कीया My World पर क्लिक कर दें। एक क्लिक मे उस साईट पर चलें जाऎं

Add-ons

Add-ons भी है और थीम भी बदल सक्ते हैं।
Flock Browser यहां से डाउनलोड करें — साईज 11MB से थोडा कम।
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घोस्ट बस्टर VS रख्शंदा, आप भी लडाई मे सामील होईये, फूल आमंत्रड

एक तरफ “घोस्ट बस्टर जी” हैं कहते हैं। कि “अब औरत होने का सबूत पेश करना होगा?” 🙂
और दूसरी तरफ हैं “रख्शंदा जी” कहती हैं कि “कौन लिख रहा है “घोस्ट बटर” के नाम से? 🙂

मैने ईनकी पोस्टे पढ लीया है और पढने मे बहुत मजा आया। जी हां कहानी की तरह पढता गया। फिर बाद मे उदासी छा गई मन में क्यो की “घोस्ट जी” भी सांत और “रख्शंदा जी” भी सांत पडती दीखाई दे रही थी।
मूझे लगा की लडाई खतम हो गया।
ईस लीये मै आग मे घी डालने आया हूं।

आपको भी आमंत्रन है ईस लडाई मे सामील होने का। जल्दी से Register Now करें। सिट बहुत कम बची हैं।

जो ईस लेख का वीद्रोह करेंगे उन्के बलाग का मै विरोधी पर देख लूंगा।

क्या ब्लागर के विचारो और लेखो को पढ के संतूस्ट नही हो सक्ते?
ब्लाग का मालीक कोई भी हो, यह देखें की वो कैसा लीख रहा है,(मेरे लीखावट को मत देखीये, जन्मो तक ऎसा ही रहेगा)
यही अनूरोध करता हूं की लडाई बंद कर दें, और भवीस्य मे ईसतरह के वीवाद ना हो तो हिन्दी ब्लाग के लीये अच्छा रहेगा।

क्यो की ईंसान पहले तर्क्की करता है और फीर गीरता है तो जमीन भी नही मीलती।
मतलब हिन्दी फैलता जा रहा है और तर्क्की कर रहा है, ईसमे ब्लाग भी सामील हैं।

ब एक मूखय खबर मैने http://www.virodhe.blogspot.com/ बनाया है। एक नई पहल। ईस तरह का साईट नही मीलेगा। (बच के रहीयेगा कहीं आपका ब्लोग मसहूर हूवा तो ये साईट बजाएगा आपकी साईट का बैन्ड।

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