नैनीताल घूम कर आया, फोटो भी साथ लाया हूं

नैनीताल घूम के आया पर सिर्फ दो दीन के लीये गया था।

क्या करूं छूट्टी ही नही था। और अपना वाला मोबाईल नही ले गया था ईसलीये ज्यादा फोटो नही लीया हूं।


घर जाते समय रासते मे पडा था, मोबाईल के कैमरे मे खीच लीया।

घूमते घूमते ट्रेन के पास पहूच गया था। यहां से रेलवे स्टेशन बहुत दूर पडता है। आप रीकशे से रेलवे स्टेशन जाएंगे तो खूब मजा आएगा।(प्राकुती और पर्यावरण को देखते ही रह जाएंगे)


ये मेरा फोटो नही है, कीसी और का है, जब वो पानी मे गै तो मैने गेट के पास से फोटो ले लीया(पूछ के) पर अभी चेहरा ईसलीये वाईट कर दीया हूं क्यो की मेरा फोटो नही है, साईड मे भी मै होता तो चेहरा दीखा सकता था।

अगर गर्मीयों की छूट्टी मे घूमने का प्लान बना रहे हैं या कहीं घूमना है तो नैनीताल जाएं और यहा पर कई चर्चीत पार्क है, जैसे कार्बोड नेशनल पार्क(नाम ठीक से नही पता) और यहां जानवरो को देख सकते हैं। पर बहुर सूंदर पार्क है।

और क्या बताउं यहां पहाड भी है। बहुत सारे होटल है (जीस जगह गया था वहां)

नैनीताल जाने वाले यात्रीयो से नीवेदन है(जो ट्रेन से जाएंगे) एक बाडी बील्डर भी साथ मे ले जाएं क्यो की वहा मै गया था तो ट्रेन से आने मे लगा की जान ही चला जाएगा। ट्रेन मे पैर रखने के लीये भी जगह नही था। ट्रेनवालों की गलती देखीये(जानबूझ कर पैसे के लीये)
जीतने सीट नही थे उसके 600-700% जयादा टीकट बेच दीये थे और टीटी भी नही आया क्यो की वो जानता था की टीकट हद से ज्यादा दे दीये है और सब उसे मारने लगेंगे।

जरा सोचीये एक बोगी मे ईतने लोग बैठे थे की टायलेट मे भी 4-8 लोग खडे थे या बैठे थे।
मझे तो ट्रेन वालो पर बहुत गूस्सा आ रहा है। ना जाने क्या हालत बना दीया है।

आपको क्या लगता है, क्या हद से ज्यादा टीकट देना चाहीये। अगर हद से ज्यादा टीकट बेचते हैं तो उनपर जूर्माना लगना चाहीये?

Our New Site www.Dewlance.com

दिवाली की बधाईयां ले लो – बाट रहा हूं।

आप सब को, आपके परीवार , परीजनो को दिपावली की हार्दीक शूभकामनाऐं !!

राम जी की जीत की खूशी, हमारी खूशी।

कूछ शब्द जीसे सून कर खूब आनंद आता है, खील उठता है चेहरा।

वो शब्द हैं। (दिपावली वाले सीर्फ)

1. ” टीम टीम आई दिवाली “ – मन मे जगमगाते दिप दीखने लगते हैं, जगमगाती मोमबत्तीयां दीखती हैं।
2. ” जगमग”
3. ” जगमगाते”
4. “दिप जलाओ”
5. “झिलमील”
6. “खुशी-खुशी ” “दिवाली” “पटाखे ” दीप जलाओ” ”
हजारो शब्द हैं, बताते बताते थक जाउंगा।

दिपाउली की शूभकामनाएं!
मंगलमय

Our New Site www.Dewlance.com

ये तो नशा है

आज का पहेली, कोई सूलझा नही पाएगा ईसे।

सपने मे सपना आता है
उस सपने मे भी एक और सपना आता है
बताओ सपने मे कीतना सपना आता है?

ये तो लीखने का नशा है
ये मेरा जूनून है

..
.
ये तो मेरा ही खून है 🙂

The End

Auction website store free % earn brother software more

Our New Site www.Dewlance.com

पसिना आता है यानी कोई बिमारी है, पसिने से छूटकारा कैसे पाऐं

आज बताने जा रहा हूं आपको एक ऐसे छूपारूस्तम बीमारी की जीसे आप पढ के हैरान हो जाऐंगे।
और बताउंगा “क्या करें की पसीना ना आए”

आप धूप मे नीकलते हैं और ज्लद ही पसीने से भीग जाते हैं। या आपके साथ कोई और भी नीकला है और सब्से पहले आप पसीने से भीग जाते हैं ज्बकी साथ वाला एकदम भी नही भीगता है तो समझीये की आपको कोई बीमारी है।
अब अगर आप गर्मी के दीन मे ठंड के कपडे पहन के नीकलेंगे तब तो आपका कूछ नही हो सक्ता 🙂
ये कमजोरी से भी होता है।

कौन कौन सि बीमारीयां हो सक्ती है?
1. गले की बीमारी जैसे सांस लेने मे तकलीफ
2. खून का साफ ना होना
3. सारीरीक गडबडी – डीसआर्डर
4. डायबीटीज
5. कमजोरी [चोरी करने पर भी पसीना आता है 🙂 ]
6. मै डाक्टर थोडे ना हूं।

एक है Hyperhidrosis
Hyperhidrosis एक बडा वजह है। जैसे एक्जाम देते समय चींता होती है या एक्जाम के डर से, चींता की स्थीती में। अब आप समझ गै होंगे की डर से, हल्की सी गर्मी से, बाहर, मीटींग मे, लोगो से मील्ते वक्त, अनकंफर्टेबल फील करते वक्त(बहुत से लोग हों जहां)
कभी कभी कूछ बात सून कर होस उड जाता है। जैसे की अभी उडा हूवा है।
ईसका ईलाज भी है। सर्जरी कर्वाना। अगर सर्जरी करवा रहें है तो अच्छे और अनूभवी सर्जन से ही सर्जरी करवाऎं। सर्जरी करवाना बहुत महंगा पडता है।

डाक्टर से दीखवाना नही भूलें क्यो की जरूरी नही है की आपको कूछ हूवा ही है।

कहीं बाहर हैं और अचानक खूब पसीना आने लगे तो क्या करेंगे। कीसी ठंढे जगह की तलास करने लगते हैं। और मील जाता है तो लगता है की कीतना सीर गरम हो गया है।

कीसी के साथ गै हैं और खूब पलान बनाया है की खूब मजे करेंगे, नाचेंगे,झूमेंगे गाऎंगे और कूछ नया करेंगे, कूछ कर के दीखाएंगे, खूब खाऎंगे और मौज उडाऎंगे। और फीर आपको लगता है की कीतना गर्मी है। धीरे धीरे गर्मी बढने लगती है(एसा सीर्फ आपके साथ हो रहा है) और फीर एक बूद,दो बूंद ऎसे ही करते करते सर्ट गीली हो जाती है। और पूरा गिला हो जाते हैं। और सारा मजा खत्म हो जाता है।

पर अब नही होगा क्यो की कुन्नूब्लाग पढ के गै हैं तो खूब मजे करेंगे और हर चीज मे टेकनीक खोजेंगे।

क्या करें की पसीना नही आए?
हो सके तो डाक्टर को जरूर दिखाऎं
चलीये अब बता ही देता हूं कि क्या करना है

1. सफेद सादा सर्ट औ सादा पैंट।
2. मौसम के अनूसार ही कपडे पहने। कभी भी बेकार टाईप के कपडे नही पहने ये और परेसान कर देते हैं। बेकार कपडो में जैसे खूब मोटा कपडा, पलास्टीक टाईप वाला, एक दम बंद टाईप का।

3. काला रंग का कपडा गर्मी खीचता है।

4. फ्रीज का पानी, ठंढा पानी पीयें अपने को जीतना ठंढा रखेंगे उतना ही अच्छा रहेगा।
ठंढे फल सब्जीयां खाएं।
5. अपने घर को ठंढा रखें। साफ जगह पर रहें। घर को साफ रखें।

6. रोज नहाने से पसीना आना कम हो जाता है। ये आपको ज्यादा पसीना आने से रोकता है।

7. कभी तो नहा लीया करीये 🙂

8. ज्यादा गरम खाना नही खाऎं। भारत मे गरम चावल खाने का पूराना आदत है। अभी चावल बना नही की वहीं से चट कर जाते हैं। एक दम ठंढा भी खाना नही खाए। नार्मल गरम खाना खाऎं।

9. क्या आप कोई डीयोड्रेनट लगाते हैं। हो सक्ता है आपको पसीना डीयोड्रेन्ट लगाने से ही आ रहा हो क्यो की सायद वो रीयेक्सन करता हो।

10. एक होता है जेनेटीक “पीढीयो से चल्ता आ रहा होता है” ये आम होता है। पर डाक्टर को दिखाना जरूरी होता है।

एक कहानी बताता हूं।
एक आदमी खूब अमीर रहता है। उसको रोज अवने व्यापार के सिल्सीले में बाहरी देसो मे जाना होता है। एक ही उसका काम होता है। सूबह 4 बजे उठता है। अपने कंपनी के लीये कूछ कागज पर लीखता है। मीटाता है फीर लीखता है। और फीर मीटाता है। ईसी तरह एक घंटा बीत्ता है और 1 घंटा तैयार होने मे लगाता है। वही दीन वही रात। ना खाने की फीकर ना सोने की। उसका एक छोटा बच्चा जो उसी की तरह है। वो देखता रहता है की उसके पापा आते हैं जाते हैं। घर मे कीसी से ना कोई मजाक होता है और ना कूछ। कूछ बोल्ते भी हैं तो सिर्फ काम से। उस्का बेटा ईन आदतो से परेसान होता है। वो कभी कीसी को खूश होते हूवे नही देखा है।

एक दिन पूरी फैमली प्लेन से दूसरे देश जा रही थी। तभी प्लेन से धूवा नीकलने लगा। ईस धूवे से अजीब सा गंध आ रहा था। उस वक्त आग बूझाने के सामग्री छीडक दीये। पर कूछ देर बाद और तेज होने लगा। और कूछ देर बीतने के बाद और तेज हो गया।

सब डर गै ईसमे वो आदमी भी था जो हमेसा काम, और चींता मे रहता था। सायद वो आदमी ही पहले डरा था। वह सोच रहा था अभी तो जीया ही नही। जीने का समय तो अभी आने वाला है। क्या मेरी एक गल्ती कोई जींदगी ले सक्ती है…. अब धूवे से सब परेसान हो गए थे। हवा नही मीलने की वजह से सारे लोग बेहोस हो गए थे। हवा लेने के लीये आक्सीजन होता है पर एसी सथीती मे एसा नही करना चाहीये। आग लगने का डर होता है।

पलेन मे बैठा वो आदमी और उसका परीवार एक दूसरे को देख रहे थे और अजानक एक एक करके आखों से ओझल होते गै। और बाद मे उस आदमी ने कहा मेरी वजह से तूम सब मर रहे हो क्यो की मै चींता मे थी और टायलेट मे जल्ती हूई सीग्रेट गल्ती से उहीं बीना बूझाए फेक दीया।
अब तक प्लेन पूरी तरह से तहस नहस हो गया था।
कोई भी जींदगी नही बची थी। सब समाप्त हो गया था अंत मे वो आदमी मरता हूवा सोच रहा था काश एक और जींदगी मील जाती, मै अब से जीयूंगा। खूब जीऊंगा, कोई चींता नही करूंगा। ऐसे जैसे मूटठी मेज माना। -> सब चींताए छोडो और खूल के जीये, ये मत सोचो क्या खोए हो और क्या पाए हो, चंद पैसे के पीछे मत मरो, मेरे प्यारे ब्लागरो खूश रहो और दूसरो को भी खूश करो।

यदी आप चाहते हैं की पसीना दीखे नही हो कलर फूल कपडे पहने और जो डार्क हो वही पहनें।

एक सूचना: हिन्दी मे मै लीखता तो हूं पर मै एक दम सही मांत्रा नही लगा सक्ते। कई ब्लागर मूझे ईसके लीये बोल चूके हैं।
अब जो मै नही सूधार सक्ता उसके लीये बोलने का क्या फायदा।
ब्लागर बता भी देते हैं की मैने “कि” को “की” लीखा है। आपको अगर समझ आ गया है की मैने क्या लीखा है तो सूधारने का कोई फायदा नही। मै बच्पन से ही हिन्दी मे बहुत माहीर और तेज हूं। उन ब्लागरो से छमा चाहूंगा जीनहे मेरा ब्लाग पढने मे दिक्कत होता है। मै हिन्दी मे सूधार कर रहा हूं। एक्जांपल के लीये पहले मै “सक्ते” को “सकते” लीखता था पर अब “सक्ते” लीखता हूं और भी

Our New Site www.Dewlance.com

उंगली से भी छोटा बंदर मीला (फोटो) सन्सनी खबर है

आज आपको आस्चर्य होगा की एक एसा बंदर मीला है जो उंगली से भी छोटा है।
विशवास नही होता ना? तो देखीये फोटो भी है।
जब देखा तो मन कीया की काश सामने होता कीतना मजा आता।

जब ईतना छोटा एक बंदर है तो उसका छोटा भाई कीतना छोटा है।
अभी पूस्ती नही हूई है की बंदर है या बंदरीया

ये रहा एक फोटो

आप बताईये ये बंदर है या बंदरीया?
कूछ और भी फोटो जीसे देख कर यकीन हो जाएगा आपको की ये छोटा है और सब्से छोटा है।

अरे कंप्यूटर पर मूझे देख रहे हो। मै सच मे बहुत छोटा हूं।
और सबूत दू क्या या आपके मानीटर से बाहर आना पडेगा

लगता है नही मानोगे तो देखो एक और मेरी सैतानी
अब देखा ना उंगली भी काटता हूं। मूझे तंग मत करना क्यो की मै छोटा हूं। सब्से छोटा।
कीतना प्यारा फोटो है। मूझे तो ये फोटो देख कर मजा आ गया।
Our New Site www.Dewlance.com

उंगली से भी छोटा बंदर मीला (फोटो) सनसनी खबर है

आज आपको आस्चर्य होगा की एक एसा बंदर मीला है जो उंगली से भी छोटा है।
विशवास नही होता ना? तो देखीये फोटो भी है।
जब देखा तो मन कीया की काश सामने होता कीतना मजा आता।

जब ईतना छोटा एक बंदर है तो उसका छोटा भाई कीतना छोटा है।
अभी पूस्ती नही हूई है की बंदर है या बंदरीया

ये रहा एक फोटो

आप बताईये ये बंदर है या बंदरीया?
कूछ और भी फोटो जीसे देख कर यकीन हो जाएगा आपको की ये छोटा है और सब्से छोटा है।

अरे कंप्यूटर पर मूझे देख रहे हो। मै सच मे बहुत छोटा हूं।
और सबूत दू क्या या आपके मानीटर से बाहर आना पडेगा

लगता है नही मानोगे तो देखो एक और मेरी सैतानी
अब देखा ना उंगली भी काटता हूं। मूझे तंग मत करना क्यो की मै छोटा हूं। सब्से छोटा।
कीतना प्यारा फोटो है। मूझे तो ये फोटो देख कर मजा आ गया।
Our New Site www.Dewlance.com

बिना पढे टिप्पनी देना कहां तक सही है?

यहाँ तो सब उल्टा है मै जिसका ब्लॉग पड़ता हूँ और वह म……. जाता है”
ये लीखा “महेंद्र मिश्रा” जी ने। मेरे पिछले पोस्ट पर “मेरा ब्लोग पढने वाला तो बम धमाको मे मर गया, अब किसका वीरोध करूं?” यहां ईनके विरोधा-भाष कमेंट देने से पहले सायद ईनहोने पढा नही है कि मैने क्या लीखा है।
मैने ये नही लीखा है की पढने वाला मर गया है और वो आप ही हैं
मैने लीखा है की वो पढता होगा। आतंकवाद की वजह से उसका घर,परीवार छीन गया।उसके घर वाले कैसे रह सकेंगे उसके बीना। उसका बेटा होगा।
मै आतंकवाद की क्रुरता पर लीखा है

अपको वो पोस्ट पढने के बाद ही सही से पता चलेगा की क्या लीखना चाहता हूं। उन लेखों को दो शब्द मे नही बता सक्ता।

ना जाने क्यो कोई किसी को जगाना चाहता है तो उसे सूलाने वाले ज्यादा आ जाते हैं।

Our New Site www.Dewlance.com

घोस्ट बस्टर VS रख्शंदा, आप भी लडाई मे सामील होईये, फूल आमंत्रड

एक तरफ “घोस्ट बस्टर जी” हैं कहते हैं। कि “अब औरत होने का सबूत पेश करना होगा?” 🙂
और दूसरी तरफ हैं “रख्शंदा जी” कहती हैं कि “कौन लिख रहा है “घोस्ट बटर” के नाम से? 🙂

मैने ईनकी पोस्टे पढ लीया है और पढने मे बहुत मजा आया। जी हां कहानी की तरह पढता गया। फिर बाद मे उदासी छा गई मन में क्यो की “घोस्ट जी” भी सांत और “रख्शंदा जी” भी सांत पडती दीखाई दे रही थी।
मूझे लगा की लडाई खतम हो गया।
ईस लीये मै आग मे घी डालने आया हूं।

आपको भी आमंत्रन है ईस लडाई मे सामील होने का। जल्दी से Register Now करें। सिट बहुत कम बची हैं।

जो ईस लेख का वीद्रोह करेंगे उन्के बलाग का मै विरोधी पर देख लूंगा।

क्या ब्लागर के विचारो और लेखो को पढ के संतूस्ट नही हो सक्ते?
ब्लाग का मालीक कोई भी हो, यह देखें की वो कैसा लीख रहा है,(मेरे लीखावट को मत देखीये, जन्मो तक ऎसा ही रहेगा)
यही अनूरोध करता हूं की लडाई बंद कर दें, और भवीस्य मे ईसतरह के वीवाद ना हो तो हिन्दी ब्लाग के लीये अच्छा रहेगा।

क्यो की ईंसान पहले तर्क्की करता है और फीर गीरता है तो जमीन भी नही मीलती।
मतलब हिन्दी फैलता जा रहा है और तर्क्की कर रहा है, ईसमे ब्लाग भी सामील हैं।

ब एक मूखय खबर मैने http://www.virodhe.blogspot.com/ बनाया है। एक नई पहल। ईस तरह का साईट नही मीलेगा। (बच के रहीयेगा कहीं आपका ब्लोग मसहूर हूवा तो ये साईट बजाएगा आपकी साईट का बैन्ड।

Our New Site www.Dewlance.com
Exit mobile version