DDoS के बारे मे मैने ज्यादा नही पढा है लेकीन सर्वर आदी चलाते चलाते ईसके बारे मे थोडी बहुत जानकारी मील गई।
DDoS यानी “Distributed denial of service attacks”, अगर आपके साईट या सर्वर पर DDoS अटैक हुवा है तो ये आपके साईट का रिसोर्स ईस्तेमाल करने लगता है जिससे आपके विजीटर को आपके साईट को ब्राउज करने मे परेसानी हो सकती है, साईट बंद हो सकता है या क्रैस भी हो जाता है।
किसी भी साईट पर ये अटैक आसानी से कैसे हो जाता है?
कमेंट करने वाले पेज पर अटैक आसानी से हो सकता है और खासकर अगर आप कैपचा का ईस्तेमाल नही कर रहे हों।
ईस अटैक से बडी बडी कंपनीयां भी परेसान रहती हैं, कमेंट के जरीए जो अटैक आता है वह ज्यादातर DoS अटैक होता है, डिडोस अटैक मे कई कंप्युटरों/सर्वरों से एक ही वेबसाईट के किसी पोर्ट/सर्वीस पर अटैक किया जाता है।
ईस अटैक मे आपका कंप्युटर भी सामील हो सकता है, यानी अगर आपने कोई साफ्टवेयर डाउन्लोड किया जो ईन्फैक्टेड हो तो वो आपके कंप्युटर का बैंडवीड्थ ईस्तेमाल कर सकता है और आपको पता भी नही चलेगा।
पहले अटैक करना बहुत महंगा पडता था लेकीन अब तो लोग Rs.300 मे 10Gbps तक के अटैक कई फारम, साईटों पर दे देते हैं।
क्राईम: धयान रहे की कई लोग जो न्या न्या कंप्युटर चलाना सिखे होते हैं वो हैकींग, डिडोस करने के काम मे मबुत उतसुकता दिखाते हैं और यह नही पता होता है की एसा करना एक तरह से एक क्राईम होता है और नुकशान की भरपाई भी बहुत ज्यादा करनी पड सकती है।